Friday, November 10, 2023

गांधीजी गांधीजी कैसे बने

गांधीजी गांधीजी कैसे बने 

1. "जीवन में सादगी का महत्व" विषय पर भाषण तैयार करें |

उत्तर :

 जीवन में सादगी का महत्व

माननीय अध्यक्ष, आदरणीय गुरुजनों और मेरे प्यारे दोस्तों,

नमस्कार...

'जीवन में सादगी की महत्व' विषय पर आपके सामने थोड़ा बोलने का अवसर पाकर मुझे बहुत खुशी हो रही है | आज के समाज में अमीर और गरीब के बीच की  अन्तर बढ़ती जा रही है | यहां अमीर लोग सभी सुख-सुविधाओं के साथ रहने समय देश की अधिकांश गरीब लोग बिना भोजन के भी मुसीबत में रहते हैं।इसलिए हमें फिजूलखर्ची और दिखावा हमेशा के लिए छोड़ना चाहिए  |

हमारे राष्ट्रपिता गांधीजी ने अपने जीवन से हमें सादगी की महत्व सिखाई | वे हमें बताते हैं कि "मेरा जीवन ही मेरा संदेश है"| भारत की अधिकांश लोग गरीबी में पडते देखकर , उन्होंने अपना सारा आडंबर छोड़ दिया | उसके बाद उन्होंने केवल एक धोती पहनना और केवल पेंसिल से लिखना शुरू कर दिया | इसके अलावा उन्होंने जैनधर्म के अपरिग्रह को स्वीकार किया था | जब हम सादगी से रहते हैं तो हमारे मन से बुरे विचार और अनावश्यक चिंताएँ दूर हो जाती हैं | जब अमीर व्यक्ति अपनी फिजूलखर्ची बंद करके गरीबों की मदद करते हैं तो समाज भी सुधरता है |इतना कहकर मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ |

 धन्यवाद

2. . "सादगी का महत्व" विषय पर लखु - लेख तैयार करें |

उत्तर :

 सादगी का महत्व

आज के समाज में अमीर और गरीब के बीच की अन्तर बढ़ती जा रही है | यहां अमीर लोग सभी सुख-सुविधाओं के साथ रहने समय देश की अधिकांश गरीब लोग बिना भोजन के भी मुसीबत में रहते हैं।इसलिए हमें फिजूलखर्ची और दिखावा हमेशा के लिए छोड़ना चाहिए  |

हमारे राष्ट्रपिता गांधीजी ने अपने जीवन से हमें सादगी की महत्व सिखाई | वे हमें बताते हैं कि "मेरा जीवन ही मेरा संदेश है"| भारत की अधिकांश लोग गरीबी में पडते देखकर , उन्होंने अपना सारा आडंबर छोड़ दिया | उसके बाद उन्होंने केवल एक धोती पहनना और केवल पेंसिल से लिखना शुरू कर दिया | इसके अलावा उन्होंने जैनधर्म के अपरिग्रह को स्वीकार किया था | जब हम सादगी से रहते हैं तो हमारे मन से बुरे विचार और अनावश्यक चिंताएँ दूर हो जाती हैं | जब अमीर व्यक्ति अपनी फिजूलखर्ची बंद करके गरीबों की मदद करते हैं तो समाज भी सुधरता है |

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