ठाकुर का कुआँ
बोली – “यह पानी कैसे पिओगे? न जाने कौन जानवर मरा हैं। कुएँ से मैं दूसरा पानी लाए देती हूँ।” जोखू ने आश्चर्य से उसकी ओर देखा – “पानी कहाँ से लाएगी?” “ठाकुर और साहू के दो कुएँ तो हैं। क्या एक लोटा पानी न भरने देंगे?” “हाथ-पाँव तुड़वा आएगी और कुछ न होगा।” कहानी के अंश के आधार पर पटकथा का एक दृश्य लिखें।
उत्तर :
दृश्य : एक
स्थान : जोखू और गंगी का घर
समय : रात के आठ बजे है |
पात्र : जोखू (लगभग 40 साल का एक आदमी | उसने सिर्फ एक धोती पहना हुआ है |) , जोखू ( लगभग 35 साल की एक औरत| उसने साड़ी पहनी हुई है | )
दृश्य का विवरण : जोखू एक पलंग पर लेट जाता है | गंगी उसके पास खड़ी है | उसके हाथ में एक लोटा पानी है | जोखू पानी पीने की कोशिश करता है |
जोखू : हरे, यह कैसा पानी है? बदबू के कारण पिया नहीं सकता |
गंगी : बदबू!पर कैसी? यह पानी मुझे आज कुआँ से लाई है |
जोखू : गला सूखा जा रहा है | पर तू मुझे बदबू पानी पिलाए देती है |
गंगी : जरूर कोई जानवर कुएं में गिरकर मर गया होगा | मैं जल्दी से दूसरा पानी लाऊंगा |
जोखू : दूसरा पानी कहाँ से लाएगी ?
गंगी : यहाँ ठाकुर और साहू के दो कुएँ तो है | क्या वे एक लोटा पानी न भरने देंगे ?
जोखू : वे तेरे हाथ - पांव तोड़ेंगे | बैठ चुपके से | मैं पानी नाक बंद करके पी लूँ |
2. "जाति प्रथा एक अभिशाप है" विषय पर एक लघु लेख तैयार करें |
उत्तर :
जाति प्रथा एक अभिशाप है
जाति प्रथा समाज की एक भयानक समस्या है | इसके कारण समाज में असमानता और विद्वेष बढ़ती जा रही है | जाति प्रथा की सबसे खतरनाक चीज़ ' छुआछूत' है |आज भी जाति के नाम पर निम्न वर्ग के लोगों को कई प्रकार की यातनाएं सहनी पड़ती है | उच्च जातियों के कुआँ से पानी लाना, मंदिर में प्रवेश करना, रास्ते में चलना आदि बातों को बुरा समझा जाता है |
हिंदी के प्रमुख साहित्यकार प्रेमचंद ने लिखा हुआ कहानी 'ठाकुर का कुआं' जाति प्रथा के बारे में चर्चा करता है | इस कहानी के मुख्य पात्र जोगु और गंगी जाति प्रथा के शिकार है | नीच जाति में जन्म लेने के कारण उन्हें कुआँ से पानी लेने से भी मना किया है |
कई महान लोगों ने जाति व्यवस्था के उन्मूलन करने के लिए प्रयत्न किया था | हमारे देश में इसके खिलाफ कानून भी है | फिर भी, आज के समाज में जाति व्यवस्था स्पष्ट रूप से मौजूद है | आइए हम समाज की भलाई के लिए जाति प्रथा को खत्म करने के लिए मिलकर काम करें |
3.गंगी के चरित्र पर टिप्पणी लिखें |
उत्तर :
गंगी : एक साहसी महिला
हिंदी के प्रमुख कहानीकार श्री प्रेमचंद जी की विख्यात कहानी 'ठाकुर का कुआँ 'की मुख्य पात्र है 'गंगी' | वह एक साधारण गृहणी है | गरीब परिवार की सदस्य है | वह निम्न जाति की है | वह अपनी पति को बहुत प्यार करती है | उसके पति जोखु बीमार है | वह पानी के लिए तरसता है | लेकिन पीने के लिए केवल बदबूदार पानी है| गंगी को पता है कि खराब पानी पीने से बीमारी बढ़ जाएगी | इसीलिए वह बदबूदार पानी अपने पति को नहीं देती है | वह सारी पाबंदियों को तोड़कर , ठाकुर के कुआँ से पानी भर लाने का कोशिश करती है | यहाँ, हमें गंगी में अपने पति को बहुत प्यार रखने वाला औरत के अलावा एक विद्रोही दिलवाली औरत को भी दिखाई सकते हैं |
इस कहानी में गंगी एक ही समय परिस्थितियों से विवश औरत, विद्रोह मन रखनेवाली नारी, एवं प्यार रखनेवाली ग्रहणी आदि का प्रतिनिधित्व करती है |
4. "जाति प्रथा एक अभिशाप है" विषय पर एक पोस्टर तैयार करें |
उत्तर :
5. ऊंची नीची जाति का बाँध एक सामाजिक कुरीति है | "दुनिया एक, मानव एक" विषय पर एक पोस्टर तैयार करें |
उत्तर :
6. जोखू की बीमारी के कारण गंगी बहुत दुखी है | गंगी की उस दिन की एक डायरी लिखें |
उत्तर :
20 जून 2023
रविवार
आज मेरे जीवन को सबसे खराबी दिन है | मेरे पती बीमार है | उसकी प्यास बुझाने के लिए दिए गए पानी में बदबू था | कुआँ में जरूर कोई जानवर गिरकर मर गए होगा | खराब पानी पीने से उसकी बीमारी बढ़ जाएगी इलसलए मैंने यह गंदा पानी नहीं दिया | क्या करूं मैं ? आसपास में सिर्फ ठाकुर के कुआँ है | लेकिन वहाँ से पानी लाने को अपने तरह निच जातियों को निषिद्ध है | हे भगवन ! कब इस ऊाँच – नीच का भेदभाव दूर हो जाएगा ? मुझे किसी तरह से मेरे पति को जान बचाना चाहिए! मैं ठाकुर के कुआँ पर आऊंगा और एक लोटा का पानी भर दूंगा | भगवान, मेरे रक्षा करो |
7. ठाकु र के घर से जान बचाकर वापस आने के बाद गंगी और जोखू के बीच का बातचीत तैयार करें |
उत्तर :
गंगी : अरे, आप क्या कर रहे हैं ? क्यों यह गंदा पानी पी रहे हैं ?
जोखू : कई देर तक तुझे इंतजार कर रहा था | अंत में, प्यास रोक नहीं पाया तो कुछ पानी नाक बंद करके पीने की कोशिश किया |
गंगी : गराब पानी पीकर बीमारी बढ़ जाएगी | मैं कुछ पानी उबाल देकर दूँगी |
जोखू : तू मेरे बात न मानकर ठाकुर के कुआँ के पास गया है ना? क्या तुझे पानी मिली?
गंगी : क्षमा करो | उस समय मैंने सिर्फ आपकी बिमारी की बारे में सोच रही थी |
जोखू : ठीक है | पर तुम क्यों पानी लाया नही?
गंगी : कुआँ से पानी भरने समय ठाकुर का दरवाजा खुल दिया | ठाकुर की आवाज सुनकर मैं वहाँ से भाग गया |
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