Saturday, April 1, 2023

बीरबहुटी Class 10 Hindi Activities

1. बेला और साहिल बीर्बहुटीयों को देखने केलिए कुछ समय पहले ही घर से निकला |

इस घड़ने के बारे में पटकथा का एक दृश्य लिखें |

उत्तर :

दृश्य  : एक

स्थान :फुलेरे के स्कूल जानेवाले रास्ते के कस्बे से सटे खेत।

समय : सबेरे के नौ बजे ।

पात्र : बेला, 11 साल की एक लड़की; स्कूल यूनिफॉर्म पहनी है |  साहिल, 11 साल का एक लड़का ; स्कूल यूनिफॉर्म पहना है | 

दृश्य का विवरण : 

खेतों से भरा इलाका। दूर-दूर तक  खेतों की हरियाली दिख रहे हैं। लगभग 10 -11 साल के दो स्कूली बच्चे- बेला और साहिल ज़मीन पर बीरबहूटियों को खोज रहे हैं। उनके पीठ पर बस्ते हैं |

संवाद :

साहिल :  देखो बेला,ये बीरबहूटीयों का रंग तुम्हारे रिबन की जैसा लाल है।

बेला :  हाँ साहिल! सुर्ख, मुलायम, गदबदी बीरबहूटियाँ | धरती पर चलती फिरती खून की प्यारी - प्यारी बूँदें!

साहिल : तुमने कुछ सुना बेला ? 

बेला : हाँ, सुना। पहली घंटी लग गई है। 

साहिल : लेकिन मुझे पेन में स्याही भरवानी है,दुकान से।

बेला . : तो चलो जल्दी। अगर नहीं है तो हम देर हो जाएंगे |

(वे दोनों जल्दी से दुकान की ओर चलते हैं।)


2.  बेला और साहिल पेन में स्याही भरवाने केलिए दुकान चले गए |

इस घड़ने के बारे में पटकथा का एक दृश्य लिखें |

उत्तर :

दृश्य : दो 
स्थान : फुलेरा कस्बे की स्टेशनरी की दुकान।
समय : सबेरे दस बजे
पात्र : बेला, 11 साल की एक लड़की; स्कूल यूनिफॉर्म पहनी है | 
साहिल, 11 साल का एक लड़का ; स्कूल यूनिफॉर्म पहना है | 
दुकानदार, 40 साल का आदमी; धोती और कुर्ता पहना है | 
दृश्य का विवरण : बेला और साहिल दुकान के सामने खड़े हैं। दुकानदार उनसे कुछ बात कर रहे है।

संवाद :

दुकानदार : क्या चाहिए, बच्चे ?

बेला : एक पेन में स्याही भर दीजिए।

दुकानदार : बेटी, स्याही की बोतल अभी - अभी खाली हो गई है। अब तो कल ही मिलेगी।

बेला : लेकिन इसने तो पैन में जो स्याही थी उसे ज़मीन पर छिड़क दिया।

दुकानदार : बादल को देखकर घड़े को नहीं ढुलाना चाहिए।

साहिल : (घबराकर) अब क्या करूँगा ?

बेला : डरना मत। मेरा पेन से कुछ स्याही लेगा |

साहिल : शुक्रिया बेला | तू सच में एक अच्छी दोस्ती है |

बेला : अच्छा चलो, हम देर हो गए है |

(वे दोनों स्कूल के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं।)

3. बेला से बिछुड़ने के कारण साहिल बहुत दुखी है। साहिल अपने विचारों को डायरी में लिखता हैं। साहिल की उस दिन की डायरी लिखें।

उत्तर:

20 जून 2023
रविवार 
आज मेरे जीवन में एक अविस्मरणीय दिन था | मैं आज कैसे भूल सकता हूँ? इतना बुरा दिन जिंदगी में पहली बार आया है। पाँचवीं कक्षा का रिज़ल्ट आया | मैं और बेला छठी कक्षा में पहुँच गए। लेकिन मन उदास है। कल से हम कैसे मिल सकेंगे? हमारे स्कूल केवल पाँचवीं कक्षा तक ही है | सो, अगला साल हम दोनों अलग - अलग स्कूल जाना पड़ेगा | बेला का पापा उसे राजकीय कन्या पाठशाला में भेजेंगे। मेरे घरवाले मुझे अजमेर भेज देंगे। मैं वहाँ एक होस्टल में अकेला रहना पडूंगा । बेला के साथ बीरबहूटियों को खोजकर बिताने गए अच्छा समय कभी नहीं वापस आएगा । कल से मैं किस के साथ लंगड़ी टांग खेलूँ ? बेला को भी बहुत दुख होगा। क्या वह मुझे याद करेगी? मेरा रिपोर्ट कार्ड देखते समय उसकी आँखों में आँसू भर गए। क्या करें हम ? यह हमारा किस्मत है| अब मैं समझ गया हूँ कि जीवन में नुकसान कितना दर्दनाक होता है | मेरी प्रार्थना है कि ऐसा अनुभव किसी को ना हो | आज का दिन मुझे कभी नहीं भूल सकता , चाहे कुछ भी हो जाए | भगवान सबका भला करे |

4. माटसाब के बुरे व्यवहार से बेला बहुत दुखी हैं। बेला अपने विचारों को डायरी में लिखती है। बेला की उस दिन की डायरी लिखें।

 उत्तर:

 23 जून 2023
 बुदवार
 आज मेरे जीवन में एक अविस्मरणीय दिन था | मैं आज कैसे भूल सकता हूँ ? इतना बुरा दिन जिंदगी में पहली बार आया है। कॉपी जांजते समय गणित के माट्साब सुरेंदर जी ने ज़रा सि गलती होने पर मेरे बालों में पंजा फंसाया | मेरे भयभीत चेहरे को देखकर साहिल भी बुरी तरह डर गया।  कुछ समय के बाद माटसाब ने कॉपी मेरे बैठने के स्थान पर फेंकी और मुझसे बैठने को कहा। मुझे अब भी पता नहीं कि मेरी गलती क्या थी? माट्साब चाहे मुझे पीट लेते लेकिन साहिल के सामने नहीं | मुझे मालूम है कि साहिल की नज़र में मैं एक अच्छी लड़की हूँ | इसलिए मुझे उसे सामने करने के शर्मिंदा महसूस हो गई | जब मैं उसके पास आकर बैठी उससे नज़र नहीं मिला पाई | क्या करू मैं? मेरी प्रार्थना है कि ऐसा अनुभव किसी को ना हो | आज का दिन मुझे कभी नहीं भूल सकता , चाहे कुछ भी हो जाए | भगवान सबका भला करे |

5. मान लें, साहिल अजमेर से बेला के नाम पत्र लिखता है। संकेतों की सहायता से साहिल का संभावित पत्र लिखें। 

> नया स्कूल और नए दोस्त

> होस्टल का अकेलापन

> फुलेरा के स्कूल की यादें

उत्तर:

बोयस हॉस्टल 
ए. बी. स्ट्रीट
अजमेर -02

20 जून 2023

मेरे प्यारी बेला,

कैसे हो तुम? लगता ता हूँ तुम ठीक हो ? मैं भी इदर ख़ुशी में हूँ | तुम्हारे पढ़ाई कैसे चल रहे हैं ? अगले छुट्टी में क्या तुम फुलेरे में होगे है ना ? मैं तुम्हें इंतजार कर रहा हूँ |

मैं यहाँ एक होस्टल में रहता हूँ।  मुझे यहाँ कुछ नए मित्र मिल गया है।  लेकिन तुम्हारे जैसी कोई नहीं है। होस्टल में अकेलापन में बिताने समय हमेशा मुझे तुम्हारा याद आता है |बेला, क्या तुम्को वो खूबसूरत दिन याद हैं ? हम दोनों मिलकर खेतों में बीरबहूटियों खोजते थे, और गांधी चौक में लंगड़ी टांग खेलते थे। लगता है जैसे ये सारे बातें कल हो गया है | बेला, क्या तुम हमारे पुराने स्कूल में गई थीं? क्या, तुम हमारे पूर्व शिक्षक और  पुराने दोस्तों को देखते हैं?  मुझे तुम सभी की बहुत याद आती है।  निश्चित रूप से हमें अगली छुट्टी में फिर से उस स्कूल में एक साथ जाना चाहिए।  पहले की तरह बीरबहुती को खोजना चाहिए ।  मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं।

इसी के साथ मैं अपना पत्र समाप्त करता हूँ | अपने परिवार के सभी सदस्यों को मेरी  शुभकामनाएं प्रेषित करें। मैं निश्चित रूप से आशा करता हूं कि आप इसका उत्तर देंगे |
सस्नेह,
तुम्हारा प्यारा मित्र
साहिल
(हस्ताक्षर)

सेवा में,
बेला
बेला मंज़िल 
फुलेरा - 02



No comments:

Post a Comment