टीवी
पटकथा - वरुण ग्रोवर
1. 'टीवी' किस विधा की रचना है ?
उत्तर :
पटकथा
2. 'टीवी' पटकथा किसकी रचना है?
उत्तर :
वरुण ग्रोवर की
3. . 'टीवी' पटकथा के मुख्य पात्र कौन - कौन है ?
उत्तर :
गोपु,चुन्नी, और लल्लू |
4. गोपू जमीन पर झूकर क्या पकड़ा है ?
उत्तर :
एक मकोड़ा को
5. गोपु जमीन से क्यों मकोड़ा को पकड़ लिया ?
उत्तर :
गोपू, चुन्नी और लल्लू ने टीवी देखने के लिए मनोहर चाचा के घर जाने का फैसला किया। चुन्नी और लल्लू अपनी माँ को इसके बारे में न बताने का कसम खाने केलिए गोपू, मकोड़ा को अपने हाथ में पकड़ लिया।
6. मकोड़ा को पकड़कर चुन्नी क्या कसम खाया ?
उत्तर :
वे चुपके से दूसरे गांव में जाकर मनोहर चाचा के घर से टीवी देखते और वापस आ जाते | माँ और किसी दूसरों को भी यह बातें न कहेगा |
7. गोपू, चुन्नी और लल्लू ने क्यों मनोहर चाचा के घर जाने का फैसला किया?
उत्तर :
टीवी देखने के लिए
8. कसम खाना से क्या मतलब है?
उत्तर:सत्य का प्रण करना।
उत्तर:
टीवी का टावर दूसरे गांव में था | बच्चों के गांव पहाड़ इस तरफ था | इसीलिए उनके गांव में के सिग्नल नहीं मिला |
10. गोपू को टीवी का कार्यक्रम जादू-सा लगा। क्यों?
उत्तर:
टीवी के अंदर से तस्वीर और आवाज़ आने तो गोपू हैरान हो गया । वह गोपू को पहला अनुभव था | उसकी तकनीकी बातों से वह अनजान था । इसलिए उसे टीवी का कार्यक्रम जादू-सा लगा।
11. चुन्नी के रुआंसी होने का क्या कारण है?
उत्तर:
टीवी देखने के लिए तीनों मनोहर चाचा का घर निकले थे। लेकिन वे खो गए | देर होने की बाद भी उनको मनोहर चाचा का .घर कहीं दिखता नहीं सकता। सो वह डर गई थी।
12. मनोहर चाचा का घर पहचानने में गोपू को दिक्कत हुई। क्यों?
उत्तर:
मनोहर चाचा का घर पहचानने के लिए गोपू के पास एक ही निशान था- टीवी का एन्टीना। लेकिन यहाँ सभी के घरों के छतं पर एन्टीना था। इसलिए उसे मनोहर चाचा का घर पहचानने में दिक्कत हुई।
13. सब्जी मंडी की भीड़ में कौन पीछे रह गया?
उत्तर :
लल्लू
14. मंडी में कौन एक लंबा आदमी को टकरा गया?
उत्तर :
चुन्नी
15. सड़क पार करने समय गोपु और लल्लू को क्या हुआ?
उत्तर :
सामने से तेज़ी से एक बस आया और चुन्नी दौड़कर सड़क पार किया | लेकिन गोपु और लल्लू खड़े रह गया | ज़ोर से ब्रेक लगाकर ड्राइवर गुस्से से उनको डांटा |
16. मनोहर चाचा के घर में बच्चे टीवी देखते समय क्या हुआ?
उत्तर :
बिजली चली गई |
17. गोपू घर पहुंचा। वह यादों में खो गया। फिर डायरी लिखने लगा। लिखें, गोपू की डायरी।
उत्तर :
20 जून 2023
रविवार
आज मेरे जीवन के सबसे अविस्मरणीय दिन था | सबेरे जो किया ठीक नहीं हुआ। घर से टीवी देखने के लिए चुन्नी और लल्लू के साथ निकला | कितने खुश में था हम उसी समय | रास्ते बहुत कठिन था | एक बार सब्जी मंडी कीभीड़ में लल्लू पीछे रह गया और चुन्नी एक लंबा आदमी को टकरा गई | सड़क पार करते समय एक बस हमें टक्कर मारने आई | ड्राइवर ने जोर से ब्रेक लगाकर हमें डांटा | मनोहर चाचा का घर इतना दूर था, यह जानता नहीं था। बेचारे लल्लू और सुन्नी मेरी बातों पर विश्वास कर गए। मेरा तो एक ही निशान था- एन्टीना। लेकिन वहाँ तो हर मकान के ऊपर एन्टीना थे। मैं क्या करूँ? हम समझ गया कि हमें खो गए | चुन्नी रोने लगी | मैं और लल्लू भी डर हो गए | अंत में मनोहर चाचा आकर हमें ले गए | मनोहर चाचा के घर में हम तीनों टीवी देखने के लिए हमें बेसब्री से बैठा | लेकिन दुर्भाग्य है कि टीवी चलाते समय बिजली चली गई | किसी को बिना बताए घर से निकल जाने को यह ईश्वर की सजा है | आगे से ऐसा नहीं करूँगा। घरवालों से कहकर ही कहीं जाऊँगा।
18. चुन्नी घर पहुंचा। वह यादों में खो गई । फिर डायरी लिखने लगी । लिखें, चुन्नी की डायरी।
उत्तर :
20 जून 2023
रविवार
आज मेरे जीवन के सबसे अविस्मरणीय दिन था | सबेरे जो किया ठीक नहीं हुआ। घर से टीवी देखने के लिए गोपू और लल्लू के साथ निकला | कितने खुश में था हम उसी समय | रास्ते बहुत कठिन था | एक बार सब्जी मंडी कीभीड़ में लल्लू पीछे रह गया और मैं एक लंबा आदमी को टकरा गई | सड़क पार करते समय एक बस हमें टक्कर मारने आई | ड्राइवर ने जोर से ब्रेक लगाकर हमें डांटा | मनोहर चाचा का घर इतना दूर था, यह जानता नहीं था। हम गोपू के बातों पर विश्वास कर गए। उसको एक ही निशान था- एन्टीना। लेकिन वहाँ तो हर मकान के ऊपर एन्टीना थे। हम क्या करें ? हम समझ गया कि हमें खो गए | मैं रोने लगी |गोपू और लल्लू भी डर हो गए | अंत में मनोहर चाचा आकर हमें ले गए | मनोहर चाचा के घर में हम तीनों टीवी देखने के लिए हमें बेसब्री से बैठा | लेकिन दुर्भाग्य है कि टीवी चलाते समय बिजली चली गई | किसी को बिना बताए घर से निकल जाने को यह ईश्वर की सजा है | आगे से ऐसा नहीं करूंगी । घरवालों से कहकर ही कहीं जाऊँगी ।
19. मान ले गोपू इस घटना के बारे में कहकर अपने दोस्त को एक पत्र लिखा | गोपू का वह पत्र कल्पना करके लिखें |
उत्तर :
प्रेक्षक
गोपू निवास
ए बी स्ट्रीट
सुन्दर नगर
हिमाचल प्रदेश -02
20 जून 2023
प्रिय श्याम,
कैसे हो तुम? सोचता हूँ तुम कुशल हो | तुम्हारी पढ़ाई कैसे चल रही है ? अगले छुट्टी में तुम यहाँ आओगे ?
श्याम, मैं तुमसे एक महत्वपूर्ण बात साझा करना चाहता हूँ | आज मैं, लल्लू और चुन्नी चुपचाप टीवी देखने के लिए घर से निकला और अगले गांव के मनोहर चाचा का घर गए | कितने खुश में था हम उसी समय | रास्ते बहुत कठिन था | एक बार सब्जी मंडी कीभीड़ में लल्लू पीछे रह गया और चुन्नी एक लंबा आदमी को टकरा गई | सड़क पार करते समय एक बस हमें टक्कर मारने आई | ड्राइवर ने जोर से ब्रेक लगाकर हमें डांटा | मनोहर चाचा का घर इतना दूर था, यह जानता नहीं था। बेचारे लल्लू और सुन्नी मेरी बातों पर विश्वास कर गए। मेरा तो एक ही निशान था- एन्टीना। लेकिन वहाँ तो हर मकान के ऊपर एन्टीना थे। मैं क्या करूँ? हम समझ गया कि हमें खो गए | चुन्नी रोने लगी | मैं और लल्लू भी डर हो गए | अंत में मनोहर चाचा आकर हमें ले गए | मनोहर चाचा के घर में हम तीनों टीवी देखने के लिए हमें बेसब्री से बैठा | लेकिन दुर्भाग्य है कि टीवी चलाते समय बिजली चली गई | किसी को बिना बताए घर से निकल जाने को यह ईश्वर की सजा है | आगे से ऐसा नहीं करूँगा। घरवालों से कहकर ही कहीं जाऊँगा।
मैं अपने पत्र समाप्त करता हूँ | अपने सभी परिवार के लिए मेरे हार्दिक संबंध व्यक्त करें।
तुम्हारी प्यारा मित्र
गोपू
(हस्ताक्षर)
सेवा में
श्याम
श्याम निवास
हिमाचल -08
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