1. 'पिता का प्रायश्चित' किस विधा की रचना है ?
उत्तर :
संस्मरण
2. 'पिता का प्रायश्चित' किसकी रचना है ?
उत्तर :
अरुण गांधी की
3. अरुण गांधी किसका पोता है?
उत्तर :
महात्मा गांधी की
4. अरुण गांधी और उसके परिवार कहाँ रहते थे ?
उत्तर :
दक्षिण अफ्रीका में डरबन के करीब 18 मील दूर एक आश्रम में रहते थे |
5. उनके आश्रम किसने स्थापित किया था ?
उत्तर :
अरुण गांधी के दादाजी महात्मा गांधीजी ने
6. अरुण गांधी और उसके बहिनें हमेशा शहर जाने की कोशिश करते थे | क्यों?
उत्तर :
क्योंकि उनका घर शहर से बहुत दूर था और वहाँ उसे कोई पड़ोसी नहीं था | इसलिए शहर जाने समय उन्हें अपने मित्रों को मिल सकेंगे और उनके साथ सिनेमाघरों में फिल्म देख सकें |
7. उनके पिता ने अरुण गांधी से उन्हें कार में शहर ले जाने के लिए क्यों कहा?
उत्तर :
उनकी वहाँ पूरे दिन की एक मीटिंग थी |
8. अपने मीटिंग खत्म होने से पहले पिताजी ने अरुण गांधी को कौन सा काम पूरा करने के लिए दिया था?
उत्तर :
कार की सर्विस करने की काम |
9. बताए गए कामों को निपटाने के बाद अरुण गांधी ने कहा गया?
उत्तर :
सिनेमा घर में फिल्म देखने के लिए गया
10. अरुण गांधी ने शहर में कौन सी फिल्म देखा था ?
उत्तर :
जॉन बैंन की एक दिलचस्प फ़िल्म
11. "कार तैयार नहीं थी इसलिए देर हो गई |"- अरुण गांधी ने ऐसे झूठ क्यों कहा ?
उत्तर :
सर्विस करवाने केलिए कार गैरेज में देनें के बाद अरुण गांधी सीदे सिनेमाघर में जाकर जॉन बेन की एक पश्चमी फ़िल्म देखा | इसी के कारण वह पिताजी के सामने आने को देर हो गया | शर्मिंदा होने के कारण पिताजी की सवाल को उसे सही जवाब दे नहीं सकता | इसीलिए वह ऐसे झूठ बोला |
12. “घर तक की अठारह मील की दूरी पैदल चलकर ही तय करूँगा।” मनीलाल गाँधी के इस निर्णय से आप सहमत हैं? क्यों?
उत्तर :
मैं इससे बिल्कुल सहमत करता हूँ । क्योंकि बेटे की गलती का कारण वे अपने को मानते हैं। इसके द्वारा उन्होंने अपने बेटे को अपनी गलती पर सोचविचार करने मौका देता है ।
13. सही मिलान करें |
वर्ष — इंतज़ार
सुदूर — मौका
प्रदेश — बरस
अवसर — तलाश
प्रतीक्षा — इलाका
ढूँढ़ — दूरदराज
उत्तर:
वर्ष — बरस
सुदूर — दूरदराज
प्रदेश — इलाका
अवसर — मौका
प्रतीक्षा — इंतज़ार
ढूँढ़ — तलाश
14. मान ले मनिलाल गांधी अपने अनुभव को जिक्र करते हुए अपने मित्र के नाम पर पत्र लिखता है | वह पत्र कल्पना करके लिखें |
उत्तर:
स्थान :
तारीख :
प्रिय गोपाल,
नमस्कार
कैसे हो तुम? सोचता हूँ तुम ठीक हो | हम यहाँ डरबन में खुशी से जी रहे हैं |तुम कब इधर आओगे? मैं तुझे इंतज़ार करता हूँ |
अपने जीवन के एक मुख्य बात बताने केलिए मैं यह पत्र लिखता हूँ | कल मैंने अपने बेटा अरुण गांधी की एक गलती पर खुद से प्रायश्चित किया | कल मुझे शहर में एक मीटिंग थी | उसने मुझे कार में वहाँ छोड़ा | शाम पाँच बजे को वापस ले जाने की आदेश दिया था | लेकिन सिनेमा देखकर वह देर हो गया | देरी के कारण पूछते पर वह झूठ बोला कि गैराज से कार ठीक करके लाने में देर हो गई |
मैंने उसका झूठ को अपना गलती माना | इसलिए मैंने घर तक का पूरा रास्ता पैदल चला | यह देखकर उसको दुःख हुआ | उस घटने के बाद वह एक अहम निर्णय लिया कि वह कभी भी झूठ नहीं बोलेगा |
इसी के साथ मैं अपना पत्र समाप्त करता हूँ | अपने मित्रों और परिवारजनों को मेरा प्रणाम बताएं। तुम्हारा जवाब पत्र की प्रतीक्षा से...
तुम्हारा प्यारा मित्र
मणिलाल गांधी
( हस्ताक्षर )
सेवा में
नाम
पता
15. मान ले अरुण गांधी अपने अनुभव को जिक्र करते हुए अपने मित्र के नाम पर पत्र लिखता है | वह पत्र कल्पना करके लिखें |
उत्तर :
16. अरुण गांधी का डायरी लिखें |
उत्तर :
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